प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
जवाहर कुमार झा का जन्म 1 जनवरी 1981 को बिहार के बांका जिले के फुल्लीडूमर प्रखंड के डिमई गांव में हुआ। एक साधारण ग्रामीण परिवार में पले-बढ़े, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालय में प्राप्त की और भागलपुर के मारवाड़ी कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद तिलका मांझी विश्वविद्यालय से बी.कॉम की डिग्री ली। बाँका की मिट्टी में रचे-बसे जवाहर, हजारों ग्रामीण परिवारों की उम्मीदों और संघर्षों की आवाज़ हैं।
राजनीतिक यात्रा
जवाहर ने अपनी सार्वजनिक यात्रा सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाधान के लिए शुरू की। शिक्षा, ग्रामीण सशक्तिकरण और जनअधिकारों को केंद्र में रखते हुए वे सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हुए। 2024 में उन्होंने बाँका लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 2025 में “बांका परिवर्तन यात्रा” शुरू की — यह एक जनांदोलन है, जो ज़मीनी मुद्दों को सामने लाने का प्रयास है। आज वे बाँका विधानसभा से स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में पूरी ताकत से मैदान में हैं।
प्रेरणा स्रोत
संविधान की आत्मा, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का दृष्टिकोण, जयप्रकाश नारायण की क्रांतिकारी चेतना और स्वामी विवेकानंद के विचार — यही उनके जीवन और राजनीति के प्रेरणास्त्रोत हैं। वे मानते हैं कि राजनीति जनता के पास लौटनी चाहिए — शिक्षा, युवा भागीदारी, समानता और जवाबदेही उनके सोच की नींव हैं।
मूल्य और विचारधारा
- जनकेंद्रित राजनीति, सत्ता नहीं सेवा।
- संवेदनशीलता, सत्य और साहस के साथ प्रशासन।
- भ्रष्टाचार और भेदभाव के प्रति जीरो टॉलरेंस।
- शिक्षा, पारदर्शिता, विकेंद्रीकरण और नवाचार पर जोर।
जनसंपर्क और आंदोलनों की झलकियाँ
- गाँव-गाँव जाकर जनसंपर्क और समस्याओं का संकलन।
- युवा संवाद, महिला बैठकें और किसान चौपाल।
- धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों में सहभागिता।
- पेयजल संकट, स्वास्थ्य विरोध और शिक्षा आंदोलन में जनता के साथ खड़े रहना।